बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययनसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
0 |
बीए सेमेस्टर-1 रक्षा एवं सैन्य अध्ययन
अध्याय - 9
आर्थिक युद्धकर्म
(Economic Warfare)
प्रश्न- युद्ध एक आर्थिक समस्या के रूप में विवेचना कीजिए।
अथवा
युद्ध की आर्थिक क्षमता से आपका क्या तात्पर्य है? युद्ध की आर्थिक क्षमता को निर्धारित करने वाले तत्वों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
आधुनिक युद्ध एवं अर्थव्यवस्था
(Modern War and Economic Factor)
एक राष्ट्र की सही रूप से युद्ध में व्यस्त होने की योग्यता शक्ति को युद्ध की आर्थिक क्षमता कहते हैं। इसकी परिभाषा इस प्रकार की जा सकती है कि "यह वस्तुओं एवं सेवाओं के कुल उत्पादन का वह भाग है जिसे युद्ध में जुटाया जा सकता है। संकट काल में एक राष्ट्र की आर्थिक व्यवस्था उस राष्ट्र के उत्पादन को बढ़ा सकती है। जो कुल उत्पादन होता है, वह उसकी आर्थिक क्षमता है। उस कुल उत्पादन का वह भाग जो युद्ध के लिए उपयोग में आता है, उसे युद्ध की आर्थिक क्षमता कहते हैं। "
वर्तमान समय में पूर्ण युद्ध का अत्याधिक महत्व हैं। प्राचीन काल में युद्ध को संचालित करने के लिए आर्थिक समस्या का सामना बहुत कम ही करना पड़ता था। इसका कारण यह था कि उस समय छोटी-छोटी सेनायें साधारण शस्त्रों में लड़ा करती थी। इसी कारण युद्ध में आर्थिक तत्व का महत्व बढ़ गया है। आज का युद्ध अर्थशास्त्र के विज्ञान को पूर्ण रूप से प्रभावित करता है। सेना की लड़ने की क्षमता एवं सहयोग पर निर्भर होता है। आजकल के युद्धों में विशाल सेनाओं को खड़ा करना पड़ता है, जिसके लिये अधिक धनराशि की आवश्यकता पड़ती है।
सुप्रसिद्ध अर्थशास्त्री लायनल रॉबिन्स के शब्दों में “आधुनिक युद्धों के सम्बन्ध में जबकि स्थिति किसी भी क्षण विषम हो जाती है इसलिए धन की अत्याधिक आवश्यकता पड़ती है। जो राष्ट्र सम्पूर्ण युद्ध की घोषणा करता है उसे प्रत्येक दशा में अपनी आर्थिक दशा को पूर्ण नियोजित ढंग से सुधार लेना चाहिए।"
"लायनल ने उपयुक्त कथन से स्पष्ट होता है कि सैनिक युद्ध के साथ-साथ आर्थिक युद्ध भी चलते रहना जरूरी हो जाता है। धन की कमी से युद्ध की दूरगामियों को पूर्णतया प्रदान करने में सक्षम नहीं हुआ जा सकता है। युद्धकाल में आर्थिक क्षमता बनाए रखना इसलिए भी आवश्यक हैं कि औद्योगिक क्षमता का अधिक भाग सुरक्षा सम्बन्धित उत्पादन में लगाना आवश्यक है तथा सार्वजनिक कार्यों को सम्पादित करने में कटौती करनी पड़ती है, इसके फलस्वरूप हमारे सामने अनेक समस्याएं उत्पन्न हो जाती है, उनका नियन्त्रण करने के लिए धन की आवश्यकता पड़ती है।
युद्ध की आर्थिक क्षमता के साथ सैनिक योजनाधिकारी का विशेष सम्बन्ध रहता है। क्षमता का निर्धारण करने की समस्या कई तरीकों से प्रभावित होती है। इसका निर्धारण करने वाले अधिकांश तरीकों में भौतिक साधन, जनशक्ति, उत्पादन क्षमतायें, सेवायें तथा अर्थिक माप के विभिन्न तरीके हैं। एक राष्ट्र की आर्थिक क्षमता का निर्धारण करने के लिए उन तत्वों का निरीक्षण करना आवश्यक है जो आर्थिक शक्ति का निर्माण करते हैं। युद्धकालीन आर्थिक क्षमता के अध्ययन के साथ, कुछ सैनिक साज-सामान की अवहेलना नहीं की जा सकती। वह सभी सामान जो शान्तिकाल में बनता है प्रत्यक्ष रूप से युद्धकाल में आर्थिक व्यवस्था को प्रभावित करता है। यह तभी संभव है जबकि इन तत्वों के प्रभाव को आर्थिक साधनों के साथ जोड़ दिया जाये जिससे एक राष्ट्र की यौद्धिक तथा आर्थिक क्षमता को सही रूप दिया जा सके।
युद्ध को प्रभावित करने वाले आर्थिक तत्व
युद्ध को प्रभावित करने वाले प्रमुख आर्थिक तत्व निम्नलिखित है-
1. सैन्य सामग्री- युद्ध आरम्भ होते ही सेना की आवश्यकतायें विकराल रूप में आवश्यक माँग करती है। युद्ध में साज-सज्जा अधिक मात्रा में नष्ट हो जाती है। शत्रु हमारे अस्त्र-शस्त्र विभाग, पूर्ति विभाग आदि को नष्ट करने का प्रयास करता है। अतः अधिक मशीनों तथा अधिक धन की आवश्यकता पड़ती है।
2. यातायात के साधन आधुनिक युद्ध में गतिशीलता का अधिक महत्व है अतः यातायात के साधन पर्याप्त मात्रा में होना चाहिए ताकि भारी उपकरण युद्ध भूमि तक सरलतापूर्वक पहुँच सकें। विशाल सैन्य संख्या को युद्ध भूमि पर पहुँचाने के लिए भी यातायात के साधनों की आवश्यकता पड़ती है।
3. राष्ट्रीय उत्पादन - प्रत्येक राष्ट्र को युद्ध के समय सैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए राष्ट्रीय उत्पादन को चरमोत्कर्ष पर रखने का प्रयास करना अत्यावश्यक है।
4. मानव शक्ति को मजबूत करना- मानव के साथ युद्ध का बड़ा घनिष्ठ सम्बन्ध है। सेना का निर्माण श्रेष्ठ तथा चरित्रवान युवकों द्वारा ही किया जा सकता है और श्रेष्ठ तथा चरित्रवान युवक तभी हो सकते हैं जब उस राष्ट्र की आर्थिक स्थिति दृढ़ हो आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने के लिए औद्योगिक विकास आवश्यक है महान दार्शनिक 'चर्चिल' ने कहा था कि "मुझे शस्त्र दो में कार्य शीघ्र समाप्त कर दूंगा।"
हथियारों की दृष्टि से कोई भी देश तभी आत्मनिर्भर बन सकता है जबकि आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न हो। इसके अतिरिक्त जनता के उत्साह पर देश की आर्थिक व्यवस्था निर्भर होती है। वर्तमान युद्ध आर्थिकता से अधिक प्रभावित है। युद्ध का उद्देश्य शत्रु की आर्थिक क्षमता का विनाश करना होता है तथा स्वयं को दृढ़ बनाना होता है। इस दृष्टि से सम्पूर्ण युद्ध के दौरान जो राष्ट्र युद्ध में सम्मिलित होते हैं उन्हें किसी न किसी रूप में आर्थिक हानि उठानी ही पड़ती है तथापि युद्ध कालीन अर्थव्यवस्था को समय-समय पर बदलाव की आवश्यकता होती है। आधुनिक युद्ध का संचालन आर्थिक तत्वों पर ही निर्भर है।
|
- प्रश्न- स्त्रातेजी अथवा कूटयोजना (Strategy) का क्या अभिप्राय है? इसकी विभिन्न परिभाषाओं की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्त्रातेजी का उद्देश्य क्या है? स्त्रातेजी के उद्देश्यों की पूर्ति के लिये क्या उपाय किये जाते हैं?
- प्रश्न- स्त्रातेजी के सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- महान स्त्रातेजी पर एक लेख लिखिये तथा स्त्रातेजी एवं महान स्त्रातेजी में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक भूगोल से आप क्या समझते हैं? सैन्य दृष्टि से इसका अध्ययन क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- स्त्रातेजी का अर्थ तथा परिभाषा लिखिये।
- प्रश्न- स्त्रातेजिक गतिविधियाँ तथा चालें किसे कहते हैं तथा उनमें क्या अन्तर है?
- प्रश्न- महान स्त्रातेजी (Great Strategy) क्या है?
- प्रश्न- पैरालिसिस स्त्रातेजी पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- युद्धों के विकास पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
- प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते है? युद्ध की विशेषताएँ बताते हुए इसकी सर्वव्यापकता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- युद्ध की चक्रक प्रक्रिया (Cycle of war) का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- युद्ध और शान्ति में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- युद्ध से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- वैदिककालीन सैन्य पद्धति एवं युद्धकला का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राजदूतों के कर्तव्यों का विशेष उल्लेख करते हुए प्राचीन भारत की युद्ध कूटनीति पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- समय और कालानुकूल कुरुक्षेत्र के युद्ध की अपेक्षा रामायण का युद्ध तुलनात्मक रूप से सीमित व स्थानीय था। कुरुक्षेत्र के युद्ध को तुलनात्मक रूप में सम्पूर्ण और 'असीमित' रूप देने में राजनैतिक तथा सैन्य धारणाओं ने क्या सहयोग दिया? समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक कालीन "दस राजाओं के युद्ध" का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्धों के वास्तविक कारण क्या होते थे?
- प्रश्न- महाकाव्यों के काल में युद्ध के कौन-कौन से नियम होते थे?
- प्रश्न- महाकाव्यकालीन युद्ध के प्रकार एवं नियमों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- वैदिक काल के रण वाद्य यन्त्रों के बारे में लिखिये।
- प्रश्न- पौराणिक काल में युद्धों के क्या कारण थे?
- प्रश्न- प्राचीन भारतीय सेना के युद्ध के नियमों को बताइये।
- प्रश्न- युद्ध के विभिन्न सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- युद्धों के सिद्धान्तों में प्रशासन (Administration) का क्या महत्व है?
- प्रश्न- नीति के साधन के रूप में युद्ध के प्रयोग पर सविस्तार एक लेख लिखिए।
- प्रश्न- राष्ट्रीय नीति के साधन के रूप में युद्ध की उपयोगिता पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- राष्ट्रीय शक्ति के निर्माण में युद्ध की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- अतीत को युद्धों की तुलना में वर्तमान समय में युद्धों की संख्या में कमी का क्या कारण है? प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध की प्रकृति और विशेषताओं की विस्तार से व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला स्त्रातेजी पर माओत्से तुंग के सिद्धान्तों का उल्लेख करते हुए गुरिल्ला युद्ध के चरणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चे ग्वेरा के गुरिल्ला युद्ध सम्बन्धी विभिन्न विचारों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध (छापामार युद्ध) के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए तथा गुरिल्ला विरोधी अभियान पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रति विप्लवकारी (Counter Insurgency) युद्ध के तत्वों तथा अवस्थाओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- चीन की कृषक क्रान्ति में छापामार युद्धकला की भूमिका पर अपने विचार लिखिए।
- प्रश्न- चे ग्वेरा ने किन तत्वों को छापामार सैन्य संक्रिया हेतु परिहार्य माना है?
- प्रश्न- छापामार युद्ध कर्म (Gurilla Warfare) में चे ग्वेरा के योगदान की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध में प्रचार की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध कर्म की स्त्रातेजी और सामरिकी पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- छापामार युद्ध को परिभाषित करते हुए इसके सम्बन्ध में चे ग्वेरा की विचारधारा का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लेनिन की गुरिल्ला युद्ध-नीति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- गुरिल्ला युद्ध क्या है?
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध क्या है? 'आधुनिक युद्ध अन्ततः मनोवैज्ञानिक है' विस्तृत रूप से विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सैन्य मनोविज्ञान के बढ़ते प्रभाव क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध के कौन-कौन से हथियार हैं? व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- प्रचार को परिभाषित करते हुए इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अफवाह (Rumor) क्या है? युद्ध में इसके महत्व का उल्लेख करते हुए अफवाहों को नियंत्रित करने की विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आतंक (Panic) से आप क्या समझते हैं? आंतंक पर नियंत्रण पाने की विधि का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भय (Fear) क्या है? युद्ध के दौरान भय पर नियंत्रण रखने वाले विभिन्न उपायों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि परिवर्तन (Brain Washing) क्या हैं? बुद्धि परिवर्तन की तकनीकों तथा इससे बचने के उपायों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- युद्धों के प्रकारों का उल्लेख करते हुए विशेष रूप से मनोवैज्ञानिक युद्ध का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- युद्ध की परिभाषा दीजिए। युद्ध के सामाजिक, राजनैतिक, सैन्य एवं मनोवैज्ञानिक कारणों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कूटनीतिक प्रचार (Strategic Propaganda ) एवं समस्तान्त्रिक प्रचार (Tactical Propaganda ) में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- प्रचार एवं अफवाह में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मनोवैज्ञानिक युद्ध की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- युद्ध एक आर्थिक समस्या के रूप में विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक युद्ध की परिभाषा दीजिए। आर्थिक युद्ध कर्म पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध राजनीतिक सैनिक कारणों की अपेक्षा सामाजिक आर्थिक कारकों के कारण अधिक होते हैं। व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आर्थिक क्षमता से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- आधुनिक युद्ध में आर्थिक व्यवस्था का महत्व बताइये।
- प्रश्न- युद्ध को प्रभावित करने वाले तत्वों में से प्राकृतिक संसाधन पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- युद्ध कौशलात्मक आर्थिक क्षमताएँ व दुर्बलताएँ बताइये।
- प्रश्न- युद्धोपरान्त उत्पन्न विभिन्न आर्थिक समस्याओं का विश्लेषण कीजिये
- प्रश्न- युद्ध की आर्थिक समस्यायें लिखिए?
- प्रश्न- युद्ध के आर्थिक साधन क्या हैं?
- प्रश्न- परमाणु भयादोहन के हेनरी किसिंजर के विचारों की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- आणविक भयादोहन पर एक निबन्ध लिखिये।
- प्रश्न- परमाणु भयादोहन और रक्षा के सन्दर्भ में निम्नलिखित सैन्य विचारकों के विचार लिखिए। (i) आन्द्रे ब्यूफ्रे (Andre Beaufre), (ii) वाई. हरकाबी (Y. Harkabi), (iii) लिडिल हार्ट (Liddle Hart), (iv) हेनरी किसिंजर (Henery Kissinger) |
- प्रश्न- परमाणु युग में सशस्त्र सेनाओं की भूमिका की विस्तृत समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- मैक्यावली से परमाणु युग तक के विचारों एवं प्रचलनों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आणविक युग में युद्ध की आधुनिक स्रातेजी को कैसे प्रयोग किया जायेगा?
- प्रश्न- 123 समझौते पर विस्तार से लिखिए।
- प्रश्न- परमाणविक युद्ध की प्रकृति एवं विशिष्टताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आणविक शीत से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- नाभिकीय तनाव को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- परमाणु बम का प्रथम बार प्रयोग कब और कहाँ हुआ?
- प्रश्न- हेनरी किसिंजर के नाभिकीय सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबन्ध सन्धि (C.T.B.T) से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- हरकावी के नाभिकीय भय निवारण- सिद्धान्त का मूल्यांकन कीजिए।
- प्रश्न- आणविक युग पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हर्काबी के नाभिकीय युद्ध संक्रिया सम्बन्धी विचारों की समीक्षा कीजिए।
- प्रश्न- रासायनिक तथा जैविक अस्त्र क्या हैं? इनके प्रयोग से होने वाले प्रभावों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- रासायनिक युद्ध किसे कहते हैं? विस्तार से उदाहरण सहित समझाइए।
- प्रश्न- विभिन्न प्रकार के रासायनिक हथियारों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- जैविक युद्ध पर एक निबन्ध लिखिए।
- प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध कर्म से बचाव हेतु तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
- प्रश्न- रासायनिक एवं जीवाणु युद्ध को समझाइये |
- प्रश्न- जनसंहारक अस्त्र (WMD) क्या है?
- प्रश्न- रासायनिक एवं जैविक युद्ध के प्रमुख आयामों पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- विश्व में स्थापित विभिन्न उद्योगों में रासायनिक गैसों के उपयोग एवं दुष्प्रभाव परप्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रमुख रासायनिक हथियारों के नाम एवं प्रभाव लिखिए।